यह एक मजाकिया मूवी है। जिसको देखने के बाद आप जिंदगी भर पछताओगे। कई दिन तो आपको इस सदमे से निकलने में लग जाएंगे। इस मूवी में बहुत सारे चरित्र को जबरदस्ती डाला गया है। शुरू से लेकर आखिर तक फिल्म अपने मूल उद्देश्य के आसपास भी नहीं देखी हैं। इस मूवी को देखने वाले को फिल्म निर्माता की तरफ से उचित पुरस्कार दिया जाना चाहिए। भगवान कल्कि का इस फिल्म में मजाक ही बनाया गया है। मेरी नजर में यह फिल्म 100 मेरे से 0 नंबर पाने की हकदार है।