एक सच्ची कहानी, जिसे सालो तक दबाया गया... सबका अभिनय दमदार है. खास कर, निर्दशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की तारीफ करनी होगी की उन्होने जिस तरह से फिल्म का निर्दशन किया. अनुपम खेर के पात्र कि विवशता, डर और दर्द हमे हिला देते है... यह केवल कश्मीर की ही नहीं, पूरे भारत की कहानी है...