मुझे पूरी फिल्म “the kerala story” में तीनों लड़कियों में सर्वाधिक अच्छा role उस लड़की का लगा, जो कैथोलिक ईसाई थी। उसे बहुत समझदार दिखाया गया है और ये लोग होते भी है समझदार लौकिक जीवन में। जिस से यह बात स्पष्ट होती है की– ईसाई लोग अपने धर्म ग्रंथो को पढ़ते है। इसीलिए फिल्म में जो शातिर मुस्लिम लड़की है उसकी बातो का इस ईसाई लड़की पर कुछ भी प्रभाव नहीं पड़ता था अंत तक।
उस मुस्लिम लड़की के बातों का मजाक भी बना देती थी। जब की हिंदू और कम्युनिस्ट को अपने धर्म के बारे में कुछ नही मालूम होने से ये लोग उनके लव जिहाद के चक्कर में फस जाते है। हालाकि बाद में ईसाई लड़की भी इनका शिकार हो जाती है। लेकिन वह हिंदू लड़की के विश्वास में आ कर रिलेशनशिप बनाने चल जाती है इस कारण से अन्यथा मुस्लिम लड़की जरा भी प्रभाव नहीं पड़ता है इस लड़की पर।
केरेला स्टोरी फिल्म में जहां यह स्पष्ट किया गया की प्यार कर के धर्म परिवर्तन कर लेना जहां एक प्रायोजित साजिश है और यह पीएफआई जैसी मुस्लिम संस्था पैसों के माध्यम से संपन्न करवाती है वही यह मूवी यह भी बतलाती है की वो लड़किया ही इस प्रपंच में फसती है जिन्हे अपने धर्म का ज्ञान नहीं है। जिसे प्रति–प्रश्न करना तक नही आता है।