#Copied and agree#
सरल शब्दों में 'धड़क' मराठी की संवेदनशील और बेहद कामयाब फिल्म सैराट की ऑनर किलिंग है। समर्थ को कभी दोष नहीं लगता और पैसेवाले के सौ खून सदा माफ हैं। यहां भी मैसेज साफ है कि धनबल से आप किसी भी खूबसूरत फिल्म का कत्ल कर सकते हैं। वह भी इस उपकार के साथ कि क्षेत्रीय भाषा की फिल्म को हम हिंदी के साथ राष्ट्रीय बना रहे हैं। इस कत्ल की कोई सजा नहीं। धड़क देखने के बाद आप सैराट के लिए दो मिनिट का मौन रख सकते हैं।