भरत-भारती निसंदेह हिंदी साहित्य का सर्वोच्च ग्रंथों में से एक है।मैथिलीशरण गुप्त जी की कालजयी रचनाओं में से भी एक है।एक कवि को चाहिए कि राष्ट्र और समाज को उसके उत्थान और पतन का स्मरण कराता रहे और व्याप्त सामाजिक विसंगतियों को इंगित कर उसका मार्गदर्शन करे।"दद्दा" ने अपने इस कवि-दायित्व का निर्वहन कर्तव्यनिष्ठा से की है।एक बार अवश्य ही इस पुस्तक को पढ़ें...आपको भारतीय होने पर गर्व होगा!