सत्य अत्यंत कड़वा होता है!इसे उजागर करना जितना कठिन होता है,उसे देखना, स्वीकार करना उससे भी अत्यन्त कठिन होता है क्योंकि अपराध बोध इसे स्वीकार नहीं करने देता? सत्य के उद्घाटित होने पर अपराधियों का तिलमिलाना स्वाभाविक है! विवेक अग्निहोत्री जी का इस साहसिक कार्य के लिए वंदन अभिनंदन!
"सत्यमेव जयते"🙏🙏 वन्देमातरम 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 वन्देमातरम