बहुत बढ़िया फ़िल्म जो वाराणसी के गंगा घाट पर एक वर्ल्ड क्लास शेफ ने लिखी और निर्देशित की है,गंगा घाट पर विधवा ओ की सफेद रंग की जेल से बाहर निकलने की मानसिकता और रिवाज़ो पर गहरी चोंट मरती है,गंगा घाट के पुलिस एक निर्बल हिजड़े का खून करके घृणित कक्षा की हरकतें करते है,निर्बल,गरीबो को सताते है उन पर दादागिरी करते है सरकार के ये पुलिसवालों का बढ़िया चरित्र करती है, विकाश खन्ना जैसे महान वर्ल्ड क्लास शेफ की ये फ़िल्म भी दबंग,जीरो,बेंग बंग से बहुत बढ़िया फ़िल्म डायरेक्ट की है,ये फ़िल्म में लास्ट 4 मिनुइट्स में विधवाओं को रंग से हौली खिलवती है छोटि ये बहुत अच्छि फ़िल्म साबित करते है,शेफ विकाश खन्ना को ऑस्कर के लायक फ़िल्म बनाने की हिम्मत बनानेकी,उसकी खुद की लिक्खी स्टोरी पर खुद कडिरेक्शन के लिये उनको धन्यवाद करता हु!👌👍