नारी जीवन दायिनी, नारी है वरदान।
माँ बनकर देती जन्म, पत्नी बन संतान।
नारी भारतवर्ष की रखे अलग पहचान ।
ले आयी यमराज से , वापस पति के प्राण।
ये है मूरत त्याग की , नित्य करे बलिदान ।
नारी को मत मानिए, दुर्बल अबला जान ।
जितना गाओ कम लगे , नारी का गुणगान ।
जी चाहे कण कण करे , नारी का सम्मान ।
अगर कुछ करना है तो वास्तव मे दिल से महिलाओं की इज्जत करें किसी प्रकार के दिखावे की जरूरत नही
अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।
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