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यह एक ऐसी फ़िल्म है जो सिर्फ़ मनोरंजन के लिए नहीं बनाई गई लगती है ये एक संदेश है उनके लिए सेक्युलर की आड़ में सच्ची बात करने से किनारा करके निकल जाते है। कश्मीरी हिंदुओं का असली दर्द दर्शाने का ये सफल पर्यास है।अग्निहोत्री जी अनुपम जी आपको शाधुवाद🙏