भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 (Artical15) बाबा साहब जी ने
भारत के मूल निवासियों जो बहुजन समाज के अंतर्गत आते हैं, उनके साथ हजारों सालों से पण्डित ब्राह्मणों ने धर्म,जाती के
नाम पर जागिगत भेद भाव, ऊँच नीच,
मानते हुए आ रहे थे, इतना ही नहीं उन्हें शिक्षाज्ञान से भी रोक दिया गया था, उसके निवारण के लिए अनुच्छेद15 को मूल अधिकार के तहत समानता का अधिकार प्रदान किया गया है।आर्टिकल 15फिल्म यह देशहीत और ऱाष्ट्रहित में भी सही है,
वेदानन्द दिव्य।