गुलाबो सिताबो
बहुत ही उम्दा फ़िल्म है। कई रिश्तों का खोखलापन , लालच , प्यार सब को समेट कर बेहद उम्दा ढंग से परोसा गया है । बेगम का हवेली से प्रेम और मिर्जा के अंदर हवेली की लालच दोनो को क़िरदारों ने बखूबी दर्शाया है। बांके (आयुष्मान) के प्रति उनकी प्रेमिका का प्रेम कितना ही खोखला है ये कहानी के अंत मे बहुत ही बारीकी से फ़िल्माया गया है ।