1988 से 2019 के बीच में सिर्फ तारीखें बदली हैं हालात अभी भी वही हैं। सलीम हो या सुरेश आपका अशिक्षित और गरीब होना आज भी उतना ही अभिशाप है जितना उस दौर में था। सिर्फ इतना बदलाव आया है कि आज समाज को राजनीति, धार्मिक ठेकेदारों और मीडिया के गिद्धों ने और भी ज्यादा धर्मान्ध, हिंसक और असहिष्णु बना दिया है।
पवन मल्होत्रा, आशुतोष गोवारीकर, मकरंद देशपांडे, नीलिमा अज़ीम, सुरेखा सीकरी का जबर्दस्त एक्टिंग।