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फिल्म में बुंदेली बोली बेहद खूबसूरती के साथ बिना उसका रूप बिगाड़े प्रयोग की गयी है । कथानक और फिल्मांकन भी बेहतरीन है ।
Umrika
Review·1y
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धड़क देखना शुरू किया आधे घंटे बाद बंद कर दी । भव्य सेट और खूबसूरत सिनेमाटोग्राफी अच्छी लगी । लेकिन दिमाग में तो सैराठ ही गूंज रही थी । यह फिल्म एक फीसदी भी सैराठ नही है । नागराज मंजुले वर्तमान समय के महान फिल्मकार हैं ।
Dhadak
Review·1y
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अभी मैंने किताब नहीं पढ़ी लेकिन नेटफ्लिक्स पर दीपा मेहता की सीरीज " लैला" देखी । बेहद प्रभावशाली बनी है । इसे देखने के बाद किताब पढ़ने का मन है । काश इसका हिंदी रूपांतरण भी बाजार में होता ।