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बीते पलों की यादों की छाँव में,
ना जाने कब तक सोता रहा
ना जाने कब, सब छोड़ गए
पर मैं था कि बस, सोता रहा
सोचता हूँ, क्यूँ उठ गया
क्यूँ चूहों की दौड़ में लग गया
कामयाबी की इस आपाधापी में
मैं दुनिया तो क्या,
खुद से भी बिछुड़ गया
- देवकीनंदन
Wah! Wah! Kya Baat Hai!
Review·5y
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A thoroughly enjoyable experience. The film is so near to the real life; and yet, so light and entertaining. Entertaining but not slap stick at any point.