Sign in
Deepak Jadhav
more_vert
Main menu options
Reviews and other content aren't verified by Google
ek maratha lakh maratha उर्वारुकमिव बन्धनानत् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
Review
·
1y
more_vert
More options