दिल में भगवान राम और रामायण के प्रति जो सम्मान हैं उसके लिए 1 Star दे रहा हूं आधिपुरुष की पूरी टीम ने पूरी फिल्म में अपने विचारों और अपनी घटिया सोच का प्रस्तुतिकरण किया हैं जिस देश का हर नागरिक रामायण और श्री राम से प्रेरित हो उस देश में रहकर जो लोग ऐसे
पावित्र धर्मग्रंथ का उपहास करें ये शर्मनाक हैं। जो लोग फिल्म का समर्थन कर रहें आप उनके नैतिक मूल्यों एवं मानसिकता की कल्पना कर सकते हैं मैं इस बात से भी विधित हूं कि किसी फिल्म में की गई मेहनत को न देखकर उसका उपहास करना निद्नीय हैं लेकिन जिस फिल्म का खर्च 600 करोड़ हो और वो फिल्म 90 के दशक में बनी रामायण की बराबरी तो क्या उसके एक एपिसोड की बराबरी भी न कर पाए ऐसे में फिल्म मेकर्स को अपने स्तर अवलोकन करने की जरूरत हैं । जिस रावण के वैभव की चर्चा तीनों लोक में होती थी , सारे धर्मग्रंथों का ज्ञाता , महाशिवभक्त ,महापंडित वही जिन भगवन राम के तेज़ और मुख की सादगी को देख कर सभी मोहित हो जाते थे जिन हनुमान को अष्टसिद्धी के ज्ञाता के रूप में जाना जाता है उनके शब्दों और किरदारों का इस फ़िल्म में पूर्ण रूप निंदा की गई हैं । आज श्री रामानंद सागर जी के प्रति मन में सम्मान और भी बढ़ा हैं। की उस दौर में उन्होंने सीमित साधनों से भी अपने उच्च स्तर निर्देशन का प्रस्तुतिकरण दिया था !! जय श्री राम!!♥️💐🙏