हर फिल्म मैं एक जैसा अभिनय, आँखे बारी करके मूर्ख असामान्य आदमी की तरह अभिनय, पीके, धूम, 3IDEOT आदि फिल्म मुख्य एक जैसा अभिनय, हमारा भारत विरोधी अभिनय, टेररिस्ट को जस्टिफाई करना,एक बोहोत ही घटिया बिचारधारा का उदाहरन हैं चलचित्र , यहां तक कि एक भी पात्र लायक नहीं है