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हमारे देश में आश्रमों में बाबा और उनके कृत्यों का सही चित्रिकरण है । अधिकतर विकृति मानसिकता और अपराधी प्रवृति के लोग नामी संत और बाबा बनकर समाज को धर्म की अफ़ीम खिला देते है। आश्रम की कहानी समाज का दर्पण है।ऐसे विषय को उठाने के लिए बहुत धन्यवाद।