वाहियात किस्म की सीरीज आ रही हैं। बड़ी ही खूबसूरती से इस सीरीज में दिल्ली विश्विद्यालय की सच्ची घटनाओं को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया। और वाम पंथियों को किस तरह से बड़े सताए हुए और बेचारे स्टूडेंट्स जैसा दिखाया गया है। हंसी इस बात पर आ रही है डायरेक्टर आजकल कुछ भी दिखाने को तैयार हैं सिर्फ पैसों के लिए। और असलियत ये है की डी यू में सिर्फ इन वामपंथियों का बोलबाला है। चाहे वो देश विरोधी गतिविधि हों या सरकार के।पैसे पर ऐश करनी हो।