कश्मीरनामा अशोक पाण्डेय जी की adbhut रचना हैं. आपनेअध्ययन प्रासंगिक सन्दर्भों, आपने निजी अनुभवों और लोगों से मिल कर उनसे बातचीत के जरिये प्राप्त भावनात्म्क एवं सांस्कृतिक अनुभव का खूबसूरत ट्रीटमेंट हैं. मैंने कश्मीर भ्रमण के बाद एक लम्बा सफरनामा लिखा था. इस किताब ख़ूब पढ़ा हैं पर अपनी प्यास नही भुजी. आदरणीय लाल बहादुर वर्मा जी की samiksha ने और आज के हालात को देखते हुए उसे फ़िर पढ़ने का दिल करता हैं.