जंगली रिव्यु :-
विद्युत जामवाल, मकरंद देशपांडे और अतुल कुलकर्णी जैसे कलाकारों के अभिनय से सजी और चक रसेल जैसे हॉलीवुड निर्देशक द्वारा निर्देशित फिल्म जंगली से एक चमत्कार की उम्मीद थी.... हाथियों के शिकार जैसे संवेदनशील विषय से जुड़ी इस फ़िल्म ने इस मुद्दे को बखूबी उठाया है.…
विद्युत हमेशा की तरह अपने रोल में लाजवाब रहें हैं,
एक्शन दृश्यों में इनकी फुर्ती और काबिलियत जान डाल देती है... बॉलीवुड के बेहतरीन एक्शन हीरो में इनको शुमार यूं ही नही किया जाता...
हाथियों के दृश्य बहुत प्रभावशाली और मार्मिक बन पड़े हैं... प्रकृति की गोद मे फिल्माई गई ये फ़िल्म आपको शहरों से दूर प्रकृति के पास ले जाती है...
अगर आप विद्युत जामवाल के एक्शन के फैन है तो ये फ़िल्म आपको जरूर देखनी चाहिए, पर किसी ढंग की कहानी की उम्मीद अगर आप कर रहें हैं तो फिर आपको निराश होना पड़ेगा.... कहानी में कोई जान नही है, शायद निर्देशक ने एक थीम सोची और बिना पटकथा लेखन के ही फ़िल्म बना दी है.... डॉयलोग्स में बिल्कुल दम नही है, अतुल कुलकर्णी बीच बीच में भगवद्गीता और महाभारत के कुछ श्लोक बोलता है, पर उनका कहानी से कोई लेना देना नही है.... दोनों अभिनेत्रियों को फ़िल्म में क्या करना है, ये बताया ही नही गया है.… अपनी मर्जी से वो हर सीन में घूमती नजर आई है... अक्षय ओबेरॉय जैसे कलाकार को फ़िल्म में ज्यादा कुछ करने को नही मिला है... कुल मिलाकर बिना पटकथा और डॉयलोग्स के बनी इस फ़िल्म को एक्शन के लिए देख सकते हैं..
फ़िल्म को मेरी तरफ से 2.5/5 स्टार दिए जा सकतें हैं..
अगर आप भी हमारी तरह विद्युत जामवाल की एक्शन के फैन हैं तो फ़िल्म देखने जा सकतें हैं.. वैसे अभी बच्चों की छुट्टियों का समय है, तो उन्हें दिखाने लायक यह एक साफ सुथरी फ़िल्म है क्योंकि हाथियों के दृश्य निश्चित रूप से उन्हें आकर्षित और रोमांचित करेंगे...
- श्रीकांत शर्मा