हिन्दी साहित्य का प्रतीक,
एक आवश्यक पाठ।
चंदर और सुधा, नायक आपकी स्मृति में हमेशा के लिए अंकित हो जाते हैं। यह उस तरह की किताबें नहीं हैं जिन्हें पढ़कर कोई पहले की तरह जी लेता है जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं। यह किताब पाठकों के लिए प्यार, रोमांस, स्नेह की परिभाषा को हमेशा के लिए बदलने की ताकत रखता है। धर्मवीर भारती द्वारा चित्रित पवित्र प्रेम और निस्वार्थ प्रेम की अवधारणा पाठक को एक ही क्षण में रुलाने, मुस्कुराने और सैकड़ों भावनाओं को महसूस करने की शक्ति देता है।
सच कहूं तो मैं भी भावनाओं में डूब गया था।