इस फिल्म की एक-एक चीज़ एकदम परफेक्ट है।चाहे वह गीत संगीत हो, डायरेक्शन हो,या एक्टिंग। तृप्ति डिमरे,बाबिल खां को देखकर लगता नहीं कि यह नये कलाकार हैं।इन दोनों कलाकारों को मैं बधाई देना चाहूंगा। बाबिल खांन ने साबित कर दिया कि वह अपने वालिद साहब इरफ़ान ख़ान साहब की शोहरत और इज्ज़त को बरक़रार रखेंगे।यह दोनों ही फिल्म की जान हैं।बाकी भी सभी ने अपने रोल के साथ न्याय किया है।डायरेक्टर बधाई के पात्र हैं, उनके बिना संभव ही नहीं था।