चलचित्र के तौर पर ये एक उम्दा चलचित्र है, और विधु सर ने अदाकारों से कम भी अच्छा लिया है, परन्तु कश्मीरी पंडितो के सामूहिक नरसंहार बहुत कम करके दिखाया गया है,
शायद इसलिए कि कहानी सिर्फ एक परिवार के ही इर्दगिर्द घूमती है। अन्यथा वहाँ ये अपराध तो बहुत बड़े पैमाने पर हुई थी।