कोई नशा कर के भी रामायण के ऐसे डायलॉग नहीं लिख सकता। इस मूवी से लोगो को उम्मीद थी कि रामायण की एक भव्य प्रश्तुति होगी जो इस्तिहास बना देगी और इसी लिए लोगों ने रिकॉर्ड बनाने के लिए पहले दिन ही फिल्म को डेढ़ गुना पैसा अधिक आया पर लोगो को यह देख कर दुख हुआ कि अब हिंदी सिनेमा केवल और केवल व्यापार बन गया है।यहां लोग पैसे कमाने के लिए (लेखक) अपने कलम बेच देंगे, अपनी नैतिकता बेच देंगे और सनातन का पूरे विश्व में उपहास बना देंगे। क्योंकि ये जानते है की हर सनातनी हिन्दू अपने ईश्वर की निंदा पर मौन रह जाता है अगर हिम्मत हो तो कभी किसी कट्टर धर्म के किस्सों पर ऐसी फिल्म बना कर दिखाओ।अगले दिन ही फिल्म से ज्यादा चर्चा तुम्हारी जीवन यात्रा की होगी।
फिल्म में न तो अच्छा संवाद है और न ही किसी ने अच्छा अभिनय किया है।इस फिल्म के द्वारा रामायण के सभी पत्रों की छवि बिगड़ने की कोशिश की गई है।
कृपया बच्चो को इस फिल्म से दूर रखे वरना उनके दिमाग में एक बाद रामायण की ऐसी छवि बन गई तो उन्हे रामायण की सत्यता से परिचित करवाना मुश्किल हो जाएगा।
इसे बाहर किसी भी अन्य देश में पहुंचने से रोकना होगा अन्यथा सनातन धर्म पर लोग हसेंगे।
इस फिल्म से जुड़े सभी सनातनियों को धिक्कार है आपने चंद पैसों के लिए अपना धर्म ही बेच दिया! धिक्कार है।