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पूरी फ़िल्म मे कुछ नहीं है, पूरी तरह इलॉजिकल है, पता नहीं ये कौन भूतिये हैं जो इसको 4.5 स्टार देके बैठे हैं, 2 घंटे खराब करवा दिए, जयदीप अहलावत कि सबसे घटिया फ़िल्म, क़ोई कहानी नहीं, क़ोई तुक नहीं 🙄🙄🙄🙄 माइनस 5 स्टार