रामायण का मजाक बनाया गया है इस मूवी में, i am regretful after watching this movie, डायलॉग के नाम पर टपोरी भाषा भरी पड़ी है। एक सीन में जब मेघनाद हनुमान जी की पूंछ में आग लगाता है, तो हनुमान जी का किरदार निभाने वाला व्यक्ति दर्द से आवाज निकलता है "unn" यह सुनकर मेघनाद बोलता है "जली ?" , इस तरह के वाहियात डायलॉग भरे पड़े हैं। एक दो सीन को छोड़ दिया जाए तो राम जी और हनुमान जी को दीन हीन (कमजोर) दिखाया गया है। इमोशनलैस मूवी है, भक्तिभाव से देखने वाले व्यक्ति के हाथ मायूसी ही लगेगी, साथ में गुस्सा भी आएगा। पूरी मूवी में स्लीवलेस ब्लाउज पहने हुए महिला, एक सीन में जंजीर में जकड़ी हुई और फिर उनका गला भी काटा गया, सीता जी का ऐसा चित्रण रामायण में कही भाई मिलता। मजाक बना कर रख दिया है। अगर नेगेटिव रेटिंग होती तो वो भी नही मिलती इस मूवी को। इस मूवी के डायरेक्टर को लात और घुसे की आवश्कता है।