साथ निभाना साथिया देख कर ये पता चलता है कि अच्छाई की जीत कभी नहीं होती और बुराई हमेशा अच्छाई पर भारी रहती है, पता नही कौन लिखता है इसकी ऐसी कहानी जिसमे देवरानी ने बेवकूफी की सारी हदें पार कर दी क्योंकि कोई भी आज के समय में इतना सीधा nhi होता और जेठानियां कुत्ते की पूंछ है उनके सामने घर के सब लोग बेवकूफ हैं कोई उनकी चालाकियां नही समझता ये कभी भी कहीं भी भेस बदल कर पहुंच जाती हैं और किसी को कुछ पता नही चलता
हद कर दी राइटर ने भी