आज जब मीडिया कॉरपोरेट और सरकार की दलाली और मुनाफे के चलते खबरें केवल टीआरपी के लिए ही दिखा रहा है। भारत को विश्व गुरु और आगे बढ़ता नया इंडिया के रूप में प्रचारित कर रहा है। ऐसे में 'एक देश बारह दुनिया' के ज़रिए शिरीष खरे एक दूसरे ही भारत को पेश करते हैं, एक ऐसा भारत जिसमें अनेक अनदेखे भारत बसते हैं, जो हमेशा हाशिए की कहानियों को उस न्यू इंडिया की दीवार के पीछे छिपा देते हैं। मैं आज उस अनदेखे भारत के शोषण को दुनिया के समक्ष लाने के लिए ऐसे ही संवेदनशील लेखकों और पत्रकारों की जरूरत महसूस कर रही हूँ।