इस सीरियल के माध्यम से हिंदी सिनेमा का वह स्वर्णिम कालांश सामने आता हैं , अनेक छोटी छोटी घटनाओं को ध्यान के रखा गया है। भारतीय सिनेमा के बड़े घराने जिनका नाम लेने की आवश्यकता नहीं है, उनका नाम सहज ध्यान में आता है, भारत विभाजन की विभिषिका, सब कुछ खोने के बाद दो वक्त की रोटी हेतु संघर्ष, अनेक नामचीन प्रतिभाओं के बारे में समाज के प्रचलित कहानियां सब कुछ इसमें है।