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1968 में प्रकाशित ये रचना आज के परिवेश में भी जीवंत प्रतीत होत है।
ये समाज में आडंबर ,कुरीतियां राजनेताओं का जनता को उल्लू बनाना ,अफसर साही ,मजाक का स्तर हर दम से एक जैसा ही है
व्यक्तिगत अनुभव ज़रूर पढ़ें।
Raag Darbari
Review·1y
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Mature content,Rana and chadda are tremendous for their acting.financially strong setup. Not so filmy and the character of Vicky is really appreciative as role given by director. Tigmanshu D.🔥