सलीम-जावेद की जोड़ी भारतीय हिंदी सिनेमा में अपने तीखे तेवर 'एंग्री यंग मैन' के नाम से प्रसिद्ध डायलॉग राइटिंग-स्क्रीनप्ले में जो इब्तिदा थी!
70's जंजीर, दीवार, शोले, काला पत्थर 80's डॉन, त्रिशूल, दोस्ताना,शान जैसी फ़िल्में दी, कतार में 20 फिल्में हिट हुईं
It's was like one body , one mind ,one mouth, one voice ऐसा कहा जाता था। और यह साबित हुआ। उस दौर में पोस्टर पर जोड़ी का नाम लिखा जाता था।
Written By Salim-Javed
90's आते-आते जोड़ी में एक पैनापन कम हो गया था सलीम साहब "अच्छा तैराक पानी में मरता है"
जावेद साहब " दो तरह के लोगों के साथ काम नहीं करना चाहिए
जो एक किसी बात पर एग्री न करते हों !
जो एक हर बात पर एग्री करते हों!
अगर आप हर बात पर एग्री करते हों तो दो कि क्या जरूरत है अगर किसी बात पर एग्री नहीं करते तो शायद काम कैसे करेंगे।
जावेद साहब "न मुंह छुपा के जिए हम ना सर झुका के जिए
सीतमगारों की नज़र से नज़र मिला के जिए
अब एक रात अगर कम जिए तो हैरत क्यों
कि जबतलक़ जिए मसलें जला के जिए"।।