रेत समाधि एक उपन्यास ही नहीं बल्कि एक जीवन है, एक संसार है, एक उदाहरण है। भारतीय संस्कृति,बोलचाल,व्यवहार,रीति रिवाज और सम्पूर्ण और संयुक्त परिवार के अंदर की एक अद्भुत मिशाल है ।समाधि एक कल्पना नहीं यथार्थ भी है।लेखिका ने बड़ी ही सहजता से देशज भाषा और देहाती समाज में प्रचलित शब्दों का प्रयोग कर हर जगह भारतीयता को दिखाने का प्रयास किया है, जो शायद ही मिल पाता है ।रेत पर अनेक ने अपनी अपनी कहानियां और विचार लिखते रहे हैं और भविष्य में रचना आती रहेगी ,लेकिन यहां की समाधि स्त्री के अस्तित्व और विचारों का एक अद्भुत समावेश देखने को मिलता है,जो पठनीय है।
डा हनीफ