यह एक सामज मे किसानोंं कि स्तिथी को दर्शाता है कि समाज के अन्य वर्गों ने किसान कि क्या हालत कर दी है। तथा किसान बेचारा क्या खाए और क्या कमाए ऊपर से गरीबी मैं भारत सरकार से बस यही अनुरोध करूँगा कि अब तक जो किसानोंं के साथ होता आ रहा है उन पर ध्यान केंद्रित करें व् उनकी सहायता करें ताकि हमारा जो अन्नदात है उसकी सहायता किजिये।गोदान् कहानी जो कि मुंशी प्रेम जी ने कहानी के जरिये किसानोंं कि वास्तविक् स्तिथी को दर्शाया है।और अंत मे यही कहना चाहूँगा यह कहानी के लिए मेरे पास शब्द नहीं है जय हिंद।