मैं बहुत उत्सुकता से इस फ़िल्म का इंतज़ार कर रहा था।मगर अफसोस, कल्पना के आस पास भी नहीं लगी। शकुंतला देवी जी के महान व्यक्तित्य को सही रूप से चित्रित नहीं किया गया है, बल्कि मन में उनकी जो इमेज थी, वो भी खराब हो गयी । अब ये कहना मुश्किल है कि वो वास्तव में ऐसी हैं, या फिर घटिया एक्टिंग और डायरेक्शन का दुष्परिणाम है।