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पाताल लोक की कहानी में एक ही समाज को तीन हिस्से स्वर्ग लोक (अमीर लोग), धरती लोक (मध्यमवर्गीय) और पाताल लोक (निचले तबके के लोगों) में बांटा गया. और उसी समाज में धर्म-जाति के नाम पर होने वाले नंगे नाच को भी उजागर करने की कोशिश की गई.