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सबसे मार्मिक और हक़ीक़त भरी कहानी लगी इस फ़िल्म में,
खास कर इस फ़िल्म के गाने दो पल यहां यादों का कारवां और अहमद & मोहम्मद हुसैन साहब का गाया कव्वाली "आया तेरे दर पर दीवाना" ने तो चार चांद लगा दिया,ज्यादा पसंद आए मुझे।
सुधीर राज