क्या फिल्मह बनाई है जीतनी तारीफ की जाए उतनी कम आपने तो कबीर साहब पुरानी यादें ताजा कर दिया गांव में एक आटा चक्की होती थी उसीपर सब इकठ्ठा होते थे और वो B/w tv पर मैच दखते थे कया रोमांच होता था और वो रेडियो की कमनर्टि कुछ अलग ही होती थी अब वो मजा 50 इंची LED TV पर भी नहीं आता "धन्यवाद्" जय हिन्द। जय भारत