भाई, राष्ट्रकवि श्री हरिवंशराय बच्चन जी की सभी कविताएं पढ़ने योग्य हैं। अब समय आ गया है कि बॉलीवुड में इन सभी कविताओं की एक एक करके फिल्में बनाई जाएं। हम सब जानते हैं, वर्ष १९९० और वर्ष २०१२ में अग्निपथ नामक फिल्में बनाई गई थीं, जो हरिवंशराय बच्चन जी की ही कविता है। अब मधुकलश, निशा निमंत्रण, क्या भूलूं, क्या याद करूं, और अन्य कविताओं पर फिल्में बनाई जाएं। हमें पूर्णविश्वास है, कि इससे हरिवंशराय बच्चन जी को प्रसन्नता महसूस होगी। वो जहां भी हैं, उनकी आत्मा अब भी जीवित है, और सदैव जीवित रहेगी, भले ही उनका शव चला गया हो। हरिवंश राय बच्चन जी का प्यार और आशीर्वाद, हम सब के साथ है। हम सब परवरदिगार से प्रार्थना करते हैं कि हरिवंश राय बच्चन जी की आत्मा को शांति, va प्रसन्नता मिलती रहे। और उनकी आत्मा सदैव भारतभूमि के लोगों की भलाई के लिए, जीवित रहे। जय हिन्द। 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳