मेट्रो से जा रहा था, पूरे मेट्रो मे हर ongoing मूवी की पोस्टरों की भरमार थी पर एक भी प्रचार इसकी नही दिखी ... थेटर मे पहुँचते ही सीन बिलकुल उल्टा, जिनको online टिकट नही मिल पाई वो अधिक दाम देकर भी सीढ़ियों पर बैठ कर देख रहे थे...मै खुद काफी दूर से आया था क्योंकि इसे ज्यादा screens नहीं मिलें...शायद BatMan ज्यादा महत्वपूर्ण movie थी या ये डर की कहीं सच्चाई सभी को पता ना चल जाए...
19/01/1990 Date of Genocide
19/01/1995 My Date of Birth
इस coincidence के चलते हमेशा से ही खुद को करीब महसूस किया इस घटना के...आज वो feeling intensify हो गई ..
documentry शुरू होने के 5 मिनट तक थोड़ी हलचल थी पर अगले 3 घंटे... सन्नाटा...
Girija tikkoo(जिन्हें उनके बच्चे के सामने ही आरी से दो भागों मे काट दिया जाता है)की कहानी केंद्र मे है किंतु ऐसे और हज़ारो वास्तविक कहानियाँ हैं...
ऐसे कई लोग हर उम्र के मिलें जिनकी आँखें नम थी... आप कितना भी कोशिश कर लें पर ऐसे कई दृश्य आयेंगे जिन्हे देखना तक आपको मुश्किल होगा.... उनपर तो बीती है...
साथ ही बिना किसी community के विरुद्ध गए, Youth mindwash और terror financing पर गहरी चोट करती है....
Navodaya मे हम 3 महीने घर से दूर नही रह पाते थे,घर जाने को छटपटाते थे... ये तो लगभग 30 साल से अपने ही घर से भगाए गए हैं...दूर हैं....आज तक
जन्नत को जहुन्नुम बनाकर जन्नत को पाने की ख्वाइश को दिखाती ये ~film~ untold documentry को हमें जरूर देखना चाहिए, जुड़ना चाहिए उनके दर्द से जो अपने ही देश मे आज migrants कहलाते हैं और उनको दिलाने की कोशिश करनी चाहिए उनका #RightToJustice
साथ ही कश्मीरी पंडितों की rehabilitation program से जुड़ कर अपना व्यक्तिगत योगदान देने का भी प्रयास करें....क्योंकि टूटे हुए लोग बोलते नही, उन्हें सुनना पड़ता है... 🙏