अगर 100 स्टार की रेटिंग होती तो में इस फिल्म को 101 स्टार देता। हृदय स्पर्शी, एक्टिंग, डायलॉग, कहानी और डायरेक्शन एकदम लाजवाब।
कुमुद मिश्रा जी को अबतक हम कैरेक्टर रोल में देखते आए है । वो छोटे से रोल को सजीव कर देते है। इस में उन्होंने क्या एक्टिंग की है। उन्होंने ऐसा एक्टिंग की है की जैसे वो रोल हम कर।रहे है। नेत्रहीन लोगो का दर्द, इमोशन को हम एहसास करा दिया है।
इसके अलावा दिव्य दत्ता और अभिषेक बनर्जी ने कुमुद मिश्रा जी से कम नहीं रहे है।