ये story 1995 की है मगर आज भी 21 वी सदी में अभी भी भारत की जातिवादी मानसिकता समाप्त नहीं हुआ l अभी भी बड़े पैमाने पर sc, st, पिछड़ा वर्ग, आदिवासियों का शोषण होता है lजातिवाद भारत के ऊपर एक कला धब्बा है और जब तक ये धब्बा नहीं हटेगा भारत कभी विश्व गुरू नहीं होगा l भारतीय समाज का मेरे ख्याल से ये सबसे घिनौना रूप में से एक है l और हमे अभी बहुत मेहनत करने की जरूरत है ताकी ये जाति की लकीर को मिटा सके और भारत का नाम ऊंचा कर सके l