यह फिल्म बनाना अपने आप में एक शिवधनुष्य उठाने जैसा हैं | जिस प्रकार से प्रेरित होकर रणदीप हुड्डाजी ने यह फिल्म बनायी हैं वह यही दर्शाता हैं की आज भी सच्चे देशभक्त का बलिदान कितना सच्चा था ! अपने जीवन की पुंजी दाव पें लगाकर स्वांतत्र्यवीर सावरकर जी का जीवनपट सादर करना बहुत ही गर्व की बात हैं! अखंड हिंदुस्थान का सावरकर जी का सपना पूरा करने की जिम्मेवारी हम सब देशवासियो की हैं | यह फिल्म इस बात को सूचित करती हैं | फिल्म देखते समय कई बार रोंगटे खडे होते हैं, सावरकर जी बुद्धिमान तथा बहोत ही सहनशील सेनानी थे ! फिल्म बनाते वक्त अगर कोई कमी हो तो उसे तकनीकी तोर पे समझकर नजर अंदाज करना यही जरुरी हैं क्युंकी ऐसें विषय पे अध्ययन करके उसको सादर करने में हो सकता हैं कही जगह पे उदात्तीकरण लगता हो, लेकीन मेरे विचार में इस फिल्म को बनाना बहोत ही सराहनिय कार्य हैं! रणदीप जी के भी साहस को नमन ! फिल्म के हर अभिनेता या अभिनेत्री को तथा फिल्मसे जुडे हर व्यक्ती को धन्यवाद की आज की पिढी को , हम जैसे कई लोगोंको महान देशभक्त का समर्पण याद करने के लिये , समझने के लिये यह प्रेरित करते हैं! 🙏