मेरे विचार से जब नीरजा बड़ी हुई समझदार हुई तभी अगर सब को इकठ्ठा करके दीदून को मार डाला होता और सोनागाछी की औरतों के पुनर्वसन के लिए प्रयास किया होता तो नई पहेचान बनती,
ये तो हर वक्त रोती है, जुर्म सहती है, ऐसे थोड़ी नई पहेचान बनती है ?
अबीर जो की हर वक्त पैसे ऐसे उड़ाता है, जैसे पेड़ पर उगते हो ।
और शुरू में दिखाया है, ऐसा वास्तव मे नही होता, जो लड़की सोनागाछी में पैदा होती है, १४ साल की उम्र में ही धंधे पर बिठा दिया जाता है,, १६ साल कोई इंतजार नहीं करता, खास कर कोठे वाली रण्डी, कभी इंतजार नहीं करती।
बकवास कहानी ।