क्या, क्यूं और कैसे... पर साढ़े तीन घंटे की फ़िल्म : Animal : जो समय का एहसास तक नहीं होने दिया। ऐसी भव्य तथा मनोरंजक फ़िल्म यदा कदा ही बन पाती होगी। ख़ासकर पिता/पुत्र के भावपूर्ण रिश्ते पर इतनी व्यापक फ़िल्म... वाह🙌 रणवीर कपूर सच में अद्भुत अदाकार है, बाकि अनिल कपूर जी के क्या कहने। सबों की ऐसी अदाकारी भी बामुश्किल ही देखने को मिलती है... वैसे ये मेरी कोई समीक्षा नहीं है बल्कि मेरी व्यक्तिगत पसंद है जो हो सकता है आप सबों की धारणाओं से मेल न भी खाए...🥰🥰🥰