यह LEGWAGE तो हम ही आज बोल rhe hain .. कि यह विरासत तो हम इस्तेमाल कर रहे हैं यही स्टाइल जो रावण या hunmaan जी का है वही तो आज हमारा स्टाइल बन गया है... movie नहीं हम आने, वाला kel या आज देख रहे हैं...जो फिल्म me हम सब के रिव्यू हैं वो हम सब के माता पिता, पूर्वज , हम को देख .हम खुद में change देखना है यही सोच कर निर्देशक ने रामायण में जिस भाषा और शैली का उपयोग किया है, उसे बदल दिया है, हम यह सब देखेंगे।सच तो यह हैं कि हम फिल्म में खुद को देख रहे हैं कड़वा है पर सच है यह भाषा या स्टाइल हम आज यूज कर रहे जो रिव्यु हम किसी फिल्म को देते हैं, वही रीवार्ड रिवार्ड हमारे माता-पिता, उनके माता-पिता, हमारे पूर्वज आज हमें देखकर दे रहे होंगे फिल्म का रिव्यू देखने के बाद फिल्म के विषय और भाषा में थोड़ा बदलाव आ जयगा.. लेकिन हमारी जिंदगी में क्या बदलाव आएगा। just think about
जय श्री राम