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Ashish Sharma
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इसे पढ़ते हुए लगता है , मानो दर्शन शास्त्र को इन्होंने कलयुग के मानव को मन की भाषा समझाने का अद्भूत प्रयास हैं। सब का अपना दृष्टि कोण है पढ़ने का मैन अध्यात्म दृष्टि से पढ़ा है।
Madhushala
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