इस फ़िल्म को बहुत ही घटिया तरीक़े से प्रदर्शित किया गया है भगवान श्रीराम जो की एक मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से जाने जाते हैं जिन की रोम रोम में मर्यादा बसी हुई है और उनकी अर्धांगिनी माता सीता जो साक्षात माँ भगवती का रुप है उनका इस फ़िल्म में जो चित्रण दिखाया गया है मैं उसका आपसे विवरण तो नहीं कर सकता लेकिन बहुत ही शर्मनाक है हमारे आराध्य श्री हनुमान जी उनके मुँह से कुछ ऐसे वाक्क कहे गए हैं जिनको हम स्वप्न में भी नहीं देख सकते हैं।