तारक मेहता का उलटा चश्मा अकेला TV show है जिसमें हर एक कलाकार अपने रोल में लाजवाब है ।
Direction की जितनी तारीफ की जाय कम ही होगी ।
यह TV show सास बहू के बेवकूफी भरे बकवास और उटपटांग ओभर ऎक्टींग से बिलकुल अलग है ।
निर्देशक महोदय ने हास्य व्यंग्य के हर प्रसंग को उचित समयानुसार पेश किया है
इस TV show से व्यवहारिक जीवन में कुछ सिखाया जाता है जबकि बाकी सीरियलों में यह सिखाया जाता है कि सास बहू ननद कैसे कर के एक दूसरे को निचा दिखाए ।
इन सीरियलों को देख कर एैसा लगता है कि टाट के बोरी में दस दस पैबन्द लगे हैं, दस दिन बाद भी कहानी घूमफिर कर वहीं-के-वहीं आ जाती है