अगर आपने गलती से भी आदिपुरुष नामक घटिया फिलिम देख ली तो आपके ऐसे ऐसे नए ज्ञान की प्राप्ति होगी कि आपके होश उड़ जाएंगे...
जैसे कि, फिल्म से आप जान पाएंगे कि भगवान राम तीर धनुष से नहीं बल्कि राक्षसों को लात-घूंसे से मार कर निपटा दिया करते थे....!
दूसरी बड़ी बात आपको ये पता लगेगी कि.... जब रावणवा माता सीता को अपहृत करके अपने चमगादड़ पर ले जा रहा था तो भगवान राम और लक्ष्मण ने उस चमगादड़ को उड़ते हुए देख लिया था तथा बहुत दूर तक उसका पीछा भी किया था...
लेकिन, थोड़ी दूर तक पीछा करने के बाद चमगादड़ ज्यादा दूर निकल गया इसीलिए भगवान राम और लक्ष्मण हताश होकर उसका पीछा छोड़ दिये और खड़े होकर उसे दूर जाते देखते रहे.
और हाँ.... फिलिम से आपको एक ये भी दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होगी कि.... लक्ष्मण जी को शक्ति लगने के बाद किसी सुषेण वैद्य ने उनका इलाज नहीं किया था बल्कि विभीषण की पत्नी ने उनका इलाज किया था.
इलाज भी ऐसा कि... लोग दांतो तले उंगली दबा लें...
क्योंकि, इलाज के दौरान लक्ष्मण जी को संजीवनी बूटी पिलाई नहीं गई थी...
बल्कि, उन्हें संजीवनी बूटी से नहलाया गया था.
और, ये देखकर तो आप चमत्कृत ही हो जाएंगे कि..... पूजा पाठ करने के बाद रावण.... खुद अपने हाथों से गाय-भैंस आदि काटकर अपने वाहन अर्थात चमगादड़ को खिलाया करता था.
तथा.... बजरंगबली ने रावणवा के चमगादड़ के माथे में एक गदा मार के जान मार दिया...
जय श्री राम...!!